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बनारस में देश क पहिला अनोखा शून्य मंदिर, जानीं खासियत: बनारस के भेलूपुर महल्ला में मौजूद गुरुधाम मंदिर क निर्माण 1814 में बंगाल क महाराजा जयनारायण घोषाल करइले रहलन. काशी के विद्वानन क मानना हौ कि राजा जननारायण घोषाल गुरुधाम मंदिर क निर्माण कपिल मुनि के सांख्य दर्शन के अधार पर करइले रहलन. मंदिर कुल 84 बिगहा जमीनी पर बनल रहल, अउर एकर वास्तु अइसन हौ, जवन बतावयला कि योग के माध्यम से ही भौतिक शरीर उन्नति के मार्ग पर यात्रा कइ सकयला. मोक्ष पावय बदे योग अउर ज्ञान क मार्ग हलांकि सबसे कठिन मानल गयल हौ. लेकिन गुरुधाम मंदिर क स्थापत्य इ संदेश देला कि गुरु के कृपा से कवनो भी मार्ग ईश्वर प्राप्ति बदे कठिन नाहीं रहि जात. मंदिर के नावे से ही पता चलि जाला कि मंदिर के मूल में गुरु क महिमा ही हौ. योग साधना में गुरु क महत्व सबसे अधिक होला. गुरु ही ईश्वर के पावय क रस्ता बतावयलन. ईश्वर के प्रसन्न कइ के मोक्ष क प्राप्ति कयल जाइ सकयला. गुरुधाम मंदिर के निर्माण क मूल अधार, उद्देश्य अउर सिद्धांत इहय रहल हौ. एही सिद्धांत के अधार पर मंदिर में भूतल पर गुरु वशिष्ट अउर अरुंधती क मूर्ति स्थापित कयल गयल रहल, पहिला तल पर राधा-कृष्ण क मूर्ति रहल, अउर दूसरा तल व्योम यानी शून्य यानी निरंकार क प्रतीक मंदिर. हलांकि आज मंदिर मूर्तिविहीन होइ गयल हौ. Read more:https://hindi.news18.com/news/bhojpuri-news/indias-first-special-shoonya-temple-in-banaras-know-its-specialty-in-bhojpuri-saroj-kumar-4215146.html
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